upay totka - An Overview

महाराणा प्रताप ने शुरू की थी धूणी दर्शन की परंपरा, उदयपुर सिटी पैलेस के हैं अंदर

यदि आपका किसी के साथ मुकदमा चल रहा हो और आप उसमें विजय पाना चाहते हैं तो थोडे से चावल लेकर कोर्ट/कचहरी में जांय और उन चावलों को कचहरी में कहीं पर फेंक दें ! जिस कमरे में आपका मुकदमा चल रहा हो उसके बाहर फेंकें तो ज्यादा अच्छा है !

Sir mei 8 mahine se mere mayake baithe Hu.. mujhe mere sasural waale lene nahi aa rahe.. Koi upay bataaye ki mujhe mere sasural waale lene aaye.

 घर और कार्यस्थल में धन वर्षा के लिए उपाय 

इसे शुक्ल पक्ष के गुरूवार से ही शुरू करें ! तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में प्रशाद चढांए और विवाह की सफलता के लिए प्रार्थना करें !

Astrology provides A variety of solutions, like mantras, gemstones, and puja rituals, to bolster the constructive planets and reduce the adverse ones, drawing prosperity and many into an individual's lifetime. Obtain monetary stability by Understanding the astrological Lal Kitab solutions for abundance and funds. 

शिक्षक या मंदिर के पुजारी को पीला वस्त्र, धार्मिक पुस्तक, पीले खाद्य पदार्थ दान करना उत्तम होता है.

इस ताले को आप शुक्रवार की रात अपने सोने के कमरे में रख दें ! शनिवार सुबह उठकर नहा-धो कर ताले को बिना खोले किसी मन्दिर, गुरुद्वारे या किसी भी धार्मिक स्थान पर रख दें ! जब भी कोई उस ताले को खोलेगा आपकी किस्मत का ताला खुल जायगा !

अगले पन्ने पर सातवां चमत्कारिक टोटका...

उड़द की दाल के चार दाने शनिवार को प्रात:काल सिर से तीन बार उलटा घुमाकर कौओं को खिला दें। ऐसा लगातार सात शनिवार करने पर शनिदोष दूर हो जाएगा। उड़द का दान करने से भी शनिदोष कम होता है।

परिवार में शांति बनाए रखने के लिए उपाय 

अगर लड़की की उम्र निकली जा रही है और सुयोग्य लड़का नहीं मिल रहा। रिश्ता बनता है फिर टूट जाता है। या फिर शादी में अनावश्यक देरी हो रही हो तो कुछ छोटे-छोटे सिद्ध टोटकों से इस दोष को दूर किया जा सकता है। ये टोटके अगर पूरे मन से विश्वास करके अपनाए जाएं तो इनका फल बहुत ही कम समय में मिल जाता है। जानिए क्या हैं ये टोटके :-

बनता काम बिगडता हो, लाभ न हो रहा हो या कोई भी परेशानी हो तो उसका उपाय 

जिन व्यक्तियों को निरन्तर कर्ज घेरे रहते हैं, उन्हें प्रतिदिन “ऋणमोचक मंगल स्तोत्र´´ का पाठ करना चाहिये। यह पाठ शुक्ल check here पक्ष के प्रथम मंगलवार से शुरू करना चाहिये। यदि प्रतिदिन किसी कारण न कर सकें, तो प्रत्येक मंगलवार को अवश्य करना चाहिये।

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